हिन्दी साहित्य
Wednesday, June 21, 2017
जिंदगी तुझे,
क्या उपहार में दें,
मृत्यु को
गले लगाने दो,
उम्र-भर की
कमाई,
सौंप देंगे तुझे.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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