लक्ष्मण झूला
लक्ष्मण ने बनाया
ऋषिकेश में।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
श्यामल धारा
बहे अति पावन
यमुनोत्री से।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
अति पावन
गोमुख से निकले
गंगा की धारा।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
छोटा सा दिन
लम्बी होती रातें
दिसम्बर में।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
बरसे नेह
अविरल तुम्हारा
सरसे घर।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
अक्षर ज्ञान
ब्रह्म ज्ञानमय, जो
क्षर ना होता।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
सूरज नहीं
देखो उजाले लिये
आये हैं हम।
डॉ. मंजूश्री गर्ग