हिन्दी साहित्य
Saturday, July 18, 2015
हर रिश्ते को थोड़ी परवरिश चाहिये
थोड़ी धूप, थोड़ी छाँव चाहिये.
स्नेह का जल, प्यार के छींटे चाहिये
अपनेपन की थोड़ी हवा चाहिये.
-------------- डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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