हिन्दी साहित्य

Thursday, June 19, 2025

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  सुबह हो चाहे जितनी सबेरे शाम से पहले शाम न हो रात से पहले रात। बसंत चाहे खिले शिशिर में पतझड़ से पहले पतझार न हो।               ...
Wednesday, June 18, 2025

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धूमिल न होने दें सुनहरे पलों की यादें। यादों के चिरागों से ही रोशन है जिंदगी।।          डॉ. मंजूश्री गर्ग     
Tuesday, June 17, 2025

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  पद्मभूषण से सम्मानित हिन्दी साहित्यकार डॉ. मंजूश्री गर्ग पद्मभूषण सामान्यतः भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभ...
Monday, June 16, 2025

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रात भर जलता रहा, लड़ता रहा अँधेरों से। सौंप कर हमें उजालों के हाथ, बढ़ गया दिया।।                                 डॉ. मंजूश्री गर्ग    
Sunday, June 15, 2025

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  ख्बाबों में गुम थे कि सहसा तुम आ गये। खड़े सोचते रहे कि ख्बाब है या हकीकत।                         डॉ. मंजूश्री गर्ग    
Saturday, June 14, 2025

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एक तुम्हारे आ जाने से कितने मौसम बदल गये। आँखों की बरसात थम गयी अधरों पे धूप खिल गयी। प्यार की बयार क्या बही आँगन खुशबू बिखर गयी। ...
Friday, June 13, 2025

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  चिलगोजा डॉ. मंजूश्री गर्ग   चिलगोजा चीड़ या सनोबर जाति के पेड़ों का छोटा, लंबोतरा फल है. चिलगोजे के पेड़ समुद्र से 2000 फुट की ऊँच...
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मंजूश्री गर्ग
Name: Manju Garg Date of Birth:9th September 1958 Education: M. A (Hindi) Ph. D. (Hindi Gazal) प्रकाशित पुस्तकेंः 1. हारसिंगार(हाइकु-संग्रह) 2.हिन्दी भाषा का मानक रूप(हिन्दी व्याकरण) 3. हिन्दी गजलः विविध संवेदनायें 4. इन्द्रधनुष(हाइकु-संग्रह) 5. सूरदास का वात्सल्य वर्णन(साहित्यिक निबन्ध)
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