हिन्दी साहित्य
Friday, July 22, 2016
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
कामद गिरि,
राम-भरत मिले
चित्रकूट में।
भरत-कूप,
सब तीर्थों का जल
अति पावन।
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