हिन्दी साहित्य
Wednesday, May 3, 2017
शराब से भी ज्यादा नशा है,
नजर के प्यालों में.
पहले देवता, फिर इंसान,
फिर हैवान बना देगी.
लत 'गर पड़ गई,
हर रोज इन्हें पीने की.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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