हिन्दी साहित्य
Monday, October 30, 2017
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
अधर द्वार
दीप राम नाम का
रोशन मन.
ह्रदय धरें
राम छ्वि प्यारी
श्री हनुमान.
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