हिन्दी साहित्य
Monday, October 2, 2017
हमें मालूम है........
हमें मालूम है
तुम नहीं हो।
नहीं हो।
नहीं हो।
फिर भी
हमें ही नहीं,
सभी को,
ये अहसास
होता है
कि तुम
यहीं हो।
यहीं हो।
यहीं हो।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment