हिन्दी साहित्य
Monday, December 4, 2017
गुनगुनी सी धूप देख छत पे आ गये
ये नजारे शीत के मन लुभा गये.
बर्फ जमी पहाड़ियाँ, धुंध भरी घाटियाँ
दूर से ही देख कर मन लुभा गये.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment