हिन्दी साहित्य
Saturday, October 13, 2018
दीप
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
एक दीप
मन्दिर में
श्रद्धा का।
एक दीप
तुलसी पे
विश्वास का।
एक दीप
आँगन में
प्रेम का।
एक दीप
ज्ञान का
दिल में
जलाये रखना।
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