हिन्दी साहित्य
Friday, February 1, 2019
किसी की चाहतों में जिंदा रहेंगे हम,
किसी की यादों में बसे रहेंगे हम।
कोई गीत गायेगा महफिल में, कोई
गजल गुनगुनायेगा मन ही मन।
हम कवि हैं, मरकर भी, मरते नहीं हम।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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