हिन्दी साहित्य
Sunday, March 3, 2019
नीलकंठ
नीले-नीले पंख तुम्हारे
चौड़ी-लंबी, भूरी चोंच।
कंठ सफेद
,
फिर भी नीलकंठ
शिव का तुम प्रतिरूप, दर्शन शुभ।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment