हिन्दी साहित्य
Sunday, September 22, 2019
यह छोटी-सी कुटिया मेरी।
दीप शिखा है अंधकार की
घनी घटा की उजियाली
ऊषा है यह कमल-भृंग की
है पतझड़ की हरियाली।
सुभद्रा कुमारी चौहान
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