हिन्दी साहित्य
Friday, February 28, 2020
शाम
!
शाम होती है
शाम को क्या नाम दें
!
तुम साथ हो तो
,
सुहानी होती है।
तुम्हारे बिना शाम
,
वीरानी होती है।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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