हिन्दी साहित्य
Tuesday, April 28, 2020
मन तो पावन धाम है।
जहाँ बसे तीर्थ अनेक।
मन में झाँका जब-जब
नमन प्रभु को कर लिया।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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