हिन्दी साहित्य
Tuesday, April 11, 2023
मत आँख मिलाओ मुझसे, प्रखर धूप में जल जाओगे।
मैं सूरज हूँ भोर का, साँझ का नहीँ।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment