हिन्दी साहित्य
Friday, March 17, 2017
सूखे वृक्ष से लिपटी
वल्लरी से पूछो,
है कितना सरस पेड़।
जिसकी छाँव तले
पल्लवित, पुष्पित,
हर्षित, हरित हो रही वल्लरी।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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