हिन्दी साहित्य
Monday, November 27, 2017
जीवन खिले तो खिले ऐसे जैसे खिले डाल पर फूल,
उपवन को सजाये और पवन को महकाये।
यश फैले तो फैले ऐसे जैसे फैलें प्रातः की किरणें
अंधकार को दूर करें और उजियारा फैलायें।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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