Saturday, June 21, 2025


जरा आहट से टूटी नींद की टहनी।

ख्वाबों के जो फूल खिले थे बिखर गये।।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Friday, June 20, 2025

 

 

मधुर स्पर्श तुम्हारा जीने की नई चाह जगाता।

मानों हरित हुआ हो पौधा, पाकर बारिश की बूँदें।।

            डॉ. मंजूश्री गर्ग


Thursday, June 19, 2025

 

सुबह हो चाहे जितनी सबेरे

शाम से पहले शाम न हो

रात से पहले रात।

बसंत चाहे खिले शिशिर में

पतझड़ से पहले पतझार न हो।

 

            डॉ. मंजूश्री गर्ग

Wednesday, June 18, 2025


धूमिल न होने दें सुनहरे पलों की यादें।

यादों के चिरागों से ही रोशन है जिंदगी।।

        डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

  

Tuesday, June 17, 2025

 

पद्मभूषण से सम्मानित हिन्दी साहित्यकार

डॉ. मंजूश्री गर्ग

पद्मभूषण सामान्यतः भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि- कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिये दिया जाता है. यह पुरस्कार सन् 1954 ई. से देना प्रारम्भ हुआ था.

पद्मभूषण भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च सम्मान है. पद्मभूषण सम्मान काँसे का बना होता है बीच में कमल का फूल होता है. ऊपर पद्म और नीचे भूषण देवनागरी लिपि में लिखा होता है.

सन् 1954 ई. से सन् 2021 ई. तक पद्मभूषण से सम्मानित हिन्दी साहित्यकार हैं-

1.     श्री मैथिलीशरण गुप्त        सन् 1954 ई.

2.     श्रीमती महादेवी वर्मा         सन् 1956 ई.

3.     श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी      सन् 1957 ई.

4.     श्री रामधारी सिंह दिनकर     सन् 1959 ई.

5.     श्री बाल कृष्ण नवीन        सन् 1960 ई.

6.     श्री शिवपूजन सहाय         सन् 1960 ई.

7.     श्री राधिका रमण सिंह        सन् 1962 ई.

8.     श्री रामकुमार वर्मा          सन् 1963 ई.

9.     श्री माखन लाल चतुर्वेदी      सन् 1963 ई.

10. श्री राहुल सांस्कृत्यायन      सन् 1963 ई.

11. श्री वृन्दावन लाल वर्मा      सन् 1965 ई.

12. श्री हरिभाऊ उपाध्याय       सन् 1966 ई.

13. श्री रघुपति सहाय(फिराक गोरखपुरी) सन् 1968 ई.

14. श्री भगवती चरण वर्मा      सन् 1971 ई.

15. श्री जैनेंद्र कुमार           सन् 1971 ई.

16. श्री बनारसी दास चतुर्वेदी     सन् 1973 ई.

17. डॉ. फादर कामिल बुल्के     सन् 1974 ई.

18. डॉ. हरिवंशराय बच्चन       सन् 1976 ई.

19. श्री अमृतलाल नागर        सन् 1981 ई.

20. श्री नारायण चतुर्वेदी        सन् 1984 ई.

21. श्री भीष्म साहनी           सन् 1998 ई.

22. श्री शिवमंगल सिंह सुमन    सन् 1999 ई.

23. श्री विद्या निवास मिश्र      सन् 1999 ई.

24. श्री निर्मल वर्मा            सन् 2002 ई.

25. श्री गुलजार               सन् 2004 ई.

26. श्री विष्णु प्रभाकर          सन् 2004 ई.

27. श्रीमती दिनेश नंदिनी डालमिया     सन् 2006 ई.

28. श्री गोपालदास नीरज        सन् 2007 ई.

29. श्री लाल शुक्ल            सन् 2008 ई.

30. श्री कुँवर नारायण          सन् 2009 ई.

 

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Monday, June 16, 2025


रात भर जलता रहा, लड़ता रहा अँधेरों से।

सौंप कर हमें उजालों के हाथ, बढ़ गया दिया।।

                              डॉ. मंजूश्री गर्ग  

Sunday, June 15, 2025


 

ख्बाबों में गुम थे कि सहसा तुम आ गये।

खड़े सोचते रहे कि ख्बाब है या हकीकत।

 

                      डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Saturday, June 14, 2025


एक तुम्हारे आ जाने से

कितने मौसम बदल गये।

आँखों की बरसात थम गयी

अधरों पे धूप खिल गयी।

प्यार की बयार क्या बही

आँगन खुशबू बिखर गयी।

 

            डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

  

Friday, June 13, 2025

 

चिलगोजा

डॉ. मंजूश्री गर्ग 

चिलगोजा चीड़ या सनोबर जाति के पेड़ों का छोटा, लंबोतरा फल है. चिलगोजे के पेड़ समुद्र से 2000 फुट की ऊँचाई वाले पहाड़ी इलाकों में होते हैं. इसमें चीड़ की तरह लक्कड़नुमा फल लगते हैं. यह बहुत कड़ा होता है. मार्च, अप्रैल में आकार लेकर सितम्बर, अक्टूबर तक पक जाता है. यह बेहद कड़ा होता है. इसे तोड़कर गिरियाँ बाहर निकाली जाती हैं. ये गिरियाँ भी मजबूत भूरे आवरण से ढ़की होती हैं. जिसे दाँत से काटकर हटाया जाता है. अंदर मुलायम नरम तेलयुक्त सफेद गिरी होती है. यह बहुत स्वादिष्ट होती है और मेवों में गिनी जाती है.

 

 

 

 

 

Thursday, June 12, 2025


कृष्ण! तुम्हारे प्यार में, कृष्णमय हो गयी मैं।

ढूँढ़ती हूँ खुद को खुद में, पाती हूँ तुमको ही मैं।


            डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Wednesday, June 11, 2025


चाँद मुस्कुराये,

तारे झिलमिलायें,

रात में तुम आये,

मन भी गुनगनाये।

           डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

Tuesday, June 10, 2025


आज कहाँ!

आज में

जीते हैं हम।

कल की

यादों में

जीते हैं या

कल के

सपनों में

जीते हैं हम।

 

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Monday, June 9, 2025


बूँद मैं, समुद्र तुम।

कण मैं, पर्वत तुम।

पाँखुरी मैं, फूल तुम।

अंश हूँ, तुम्हारा ही प्रभु मैं।।

                    डॉ. मंजूश्री गर्ग 

Sunday, June 8, 2025

 

व्यास सम्मान

डॉ. मंजूश्री गर्ग

व्यास सम्मान सन् 1991 ई. में के. के. फाउंडेशन द्वारा हिंदी साहित्य में किये गये योगदान के लिये साहित्यकारों को देना प्रारम्भ किया गया था। व्यास सम्मान की विशेषतायें हैं-

1.      व्यास सम्मान में प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और सम्मान राशि चार लाख रूपये-(सम्मान राशि फाउंडेशन द्वारा निर्धारित की जाती है।)

2.      व्यास सम्मान पिछले दस वर्षों के भीतर प्रकाशित हिन्दी की कोई भी साहित्यिक कृति को दिया जाता है।

    3. समिति की राय में यदि किसी वर्ष कोई भी कृति व्यास सम्मान के लिये अपेक्षित स्तर

की न हो तो उस वर्ष पुरस्कार न देने का भी प्रावधान है, जैसा कि सन् 2007 ई. में    किसी भी साहित्यकार को पुरस्कार नहीं दिया गया।

4.कृति सृजनात्मक साहित्य के अतिरिक्त अन्य विधाओं जैसे- आत्मकथा, ललित निबन्ध, समीक्षा व आलोचना साहित्य और भाषा का इतिहास, आदि की भी हो सकती है।

5. व्यास सम्मान की विशिष्टता है कि इसमें साहित्यकार को केंद्र में न रखकर साहित्यिक कृति को महत्व दिया जाता है।

6. व्यास सम्मान मरणोपरांत नहीं दिया जाता है लेकिन यदि चयन समिति में किसी कृति पर विचार विमर्श शुरू हो गया है तो प्रस्तावित कृति के लेखक की मृत्यु होने पर विचार किया जा सकता है।

7.भविष्य में सम्मानित लेखक की किसी अन्य कृति पर विचार नहीं किया जाता है।

 

साहित्यकार               कृति                    वर्ष

1.      रामविलास शर्मा     भारत के प्राचीन भाषा परिवार       1991

और हिन्दी

2.      डॉ. शिवप्रसाद सिंह   नीला चाँद(उपन्यास)              1992

3.      गिरिजाकुमार माथुर   मैं वक्त के सामने हूं(काव्य-संग्रह)   1993

4.      धर्मवीर भारती       सपना अभी भी(काव्य-संग्रह)       1994 

5.      कुँवर नारायण       कोई दूसरा नहीं(काव्य-संग्रह)       1995

6.      प्रो. राम स्वरूप चतुर्वेदी     हिन्दी साहित्य और         1996

संवेदना का विकास

7.      केदारनाथ सिंह      उत्तर कबीर और अन्य कवितायें     1997

8.      गोविन्द मिश्र        पाँच आँगनों वाला घर(उपन्यास)    1998

9.      श्री लाल शुक्ल      बिसरामपुर का संत(उपन्यास)      1999

10.  गिरिराज किशोर     पहला गिरमिटिया(उपन्यास)        2000

11.  रमेश चंद्र शाह       आलोचना का पक्ष                2001

12.  कैलाश बाजपेयी      पृथ्वी का कृष्ण पक्ष(प्रबन्ध काव्य)  2002

13.  चित्रा मुद्गल        आँवा(उपन्यास)                  2003

14.  मृदुला गर्ग          कठगुलाब(उपन्यास)              2004

15.  चंद्रकांता            कथा सतिसार(उपन्यास)           2005

16.  परमानंद श्रीवास्तव   कविता का यथार्थ                2006

17.  मन्नू भंडारी         एक कहानी यह भी(आत्म कथा)    2008

18.  अमरकांत          इन्हीं हथियारों से                2009

19.  विश्वनाथ प्रसाद तिवारी     फिर भी कुछ रह जायेंगे     2010

20.  रामदरश मिश्र       आम के पत्ते(काव्य-संग्रह)          2011

21.  नरेन्द्र कोहली       न भूतो न भविष्यति(उपन्यास)     2012

22.  विश्वनाथ त्रिपाठी     व्योमकेश दरवेश(संस्मरण)         2013

23.  कमल किशोर गोयनका      प्रेमचंद्र की कहनियों का     2014

काल क्रमानुसार अध्ययन

24.  डॉ. सुनीता जैन            क्षमा(काव्य-संग्रह)          2015

25.  सुरेन्द्र वर्मा         काटना शमी का वृक्ष(उपन्यास)     2016

पद्मपंखुरी की धार से

26.  ममता कालिया      दुक्खम-सुक्खम(उपन्यास)          2017

27.  लीलाधर जगूड़ी      जितने लोग उतने प्रेम       2018

28.  नासिरा शर्मा        कागज की नाव            2019

29.  शरद गगारे         पाटलिपुत्र की साम्राज्ञी       2020

30.  असगर वजाहत      महावाली(नाटक)           2021

31.  ज्ञान चतुर्वेदी        पागलखाना(उपन्यास)       2022

32.  पुष्पा भारती        यादें, यादें और यादें(संस्मरण)2023

33.  सुर्यबाला           कौन देस को वासी         2024

वेणु की डायरी(उपन्यास)

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