जीवन के रंग दो ही
कभी दिन
कभी रात।
कभी धूप
कभी छाँव।
कभी सुख
कभी दुख।
कभी जीत
कभी हार।
जीवन के
रंग दो ही।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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