Monday, September 28, 2015

जीवन की चार अवस्थायें
हाइकु


       डॉ0 मंजूश्री गर्ग

उम्र बारह
छूटता बचपन
आता कौमार्य

उम्र बीस में
जोश, उमंग पूरा
आयी जवानी.

उम्र चालीस
उतरती जवानी
आता बुढ़ापा.

उम्र अस्सी
लाठी टेक जिन्दगी
परबस सी.
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