जीवन की चार अवस्थायें
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
उम्र बारह
छूटता बचपन
आता कौमार्य
उम्र बीस में
जोश, उमंग पूरा
आयी जवानी.
उम्र चालीस
उतरती जवानी
आता बुढ़ापा.
उम्र अस्सी
लाठी टेक जिन्दगी
परबस सी.
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