शब्दों के वाणों से जब घायल होते हैं
अपने ही अपनों के दुश्मन होते हैं।
वाणी पे संयम से यदि काम लें
कितने ही महाभारत रूक सकते हैं।।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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