Friday, October 3, 2025

 


प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने गंगा जी के अवतरण की संक्षिप्त कथा का वर्णन किया है- अंशुमान और दिलीप के तप करने पर भी गंगा जी धरती पर नहीं आई. जब भगीरथ ने तप किया तब गंगा जी ने दर्शन दिये-

अंशुमान सुनि राज बिहाइ। गंगा हेतु कियो तप जाइ।

यही विधि दिलीप तप कीन्हो। पै गंगा जू बरनहिं दीन्हों।

बहुरि भगीरथ तप बहु कियौ। तब गंगा जू दरसन दियौ।

                          सूरदास

 

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