हर चीज एक-दूसरे से
घुली-मिली हैं
जड़ें रोशनी में हैं
रोशनी गंध में
गंध विचारों में
विचार स्मृतियों में
स्मृतियाँ रंगों में------
केदारनाथ सिंह
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