Saturday, December 5, 2015

अव्यय- जिसका क्षय या नाश न हो, अविकारी. जैसे- अव्यय आत्मा, अव्यय ब्रह्म, अव्यय शब्द.
संज्ञा, सर्वनाम, बिशेषण और क्रिया के शब्द - वचन, लिंग, काल, कारक, आदि के अनुसार भिन्न-भिन्न रूप में मिलते हैं किन्तु कुछ शब्द अविकारी होते हैं अर्थात् उनमें लिंग, वचन, काल, आदि के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है, जैसे- यथा, अति, प्रति, यद्यपि, तथापि, आदि. ऐसे शब्द अव्यय शब्द कहलाते हैं.
अव्ययी भाव- वह समास जिस में पहला पद अव्ययी हो, जैसे- प्रतिदिन, यथाशक्ति.

No comments:

Post a Comment