स्वस्तिक
स्वस्तिक = सु + अस + क
सु = अच्छा
अस = सत्ता या अस्तित्व
क = करने वाला
अर्थात् स्वस्तिक का अर्थ है अच्छा या मंगल करने वाला. इसीलिये सभी मांगलिक
अवसरों पर स्वस्तिक बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है. स्वस्तिक की चार
भुजायें चार दिशाओं की प्रतीक हैं, जो चारों दिशाओं में मंगल और कल्याण करने की
भावना को प्रदर्शित करती हैं. इस प्रकार स्वस्तिक में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना भी निहित है.
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