बात जो दिल ने कही है अब उसे तुम बोल दो।
फूल से नाजुक लबों को अब जरा तुम खोल दो।
जिन्दगी अब तक हमारी रंग रहित है नीर सी।
प्यार का रंग प्यार से इसमें सदा को घोल दो।
नित्यानंद तुषार
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