Sunday, September 28, 2025


बात जो दिल ने कही है अब उसे तुम बोल दो।

फूल से नाजुक लबों को अब जरा तुम खोल दो।


जिन्दगी अब तक हमारी रंग रहित है नीर सी।

प्यार का रंग प्यार से इसमें सदा को घोल दो।


        नित्यानंद तुषार 

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