Wednesday, November 26, 2025


प्यार की बूँदों से सरसते हैं हम,

मृदु मुस्कान से निखरते हैं हम।

नजरों ही नजरों मे करते हैं बातें,

और दिन-दिन सँवरते हैं हम। 

            डॉ. मंजूश्री गर्ग

No comments:

Post a Comment