प्यार की बूँदों से सरसते हैं हम,
मृदु मुस्कान से निखरते हैं हम।
नजरों ही नजरों मे करते हैं बातें,
और दिन-दिन सँवरते हैं हम।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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