हिन्दी साहित्य
Monday, June 13, 2016
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
दादा ने जिया
तीसरा बचपन
पोते के साथ।
वृक्ष ना देते
समय से पहले
धरा को फल।
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