Saturday, November 28, 2015

संगम

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

श्वेत, श्याम, रतनार
गंगा, यमुना, सरस्वती
मिलें तीन धारायें
होवे संगम न्यारा।

इलाहाबाद में संगम में स्नान करने का अपना अलग ही अनूठा आनंद है. हर जगह गंगा हो या यमुना स्नान नदी के तट पर ही किया जाता है लेकिन संगम में स्नान के लिये नाव द्वारा बीच धार में जाया जाता है, जहाँ गंगा-यमुना का मिलन होता है. सफेद और साँवली दो धारायें बहती हुई अलग-अलग दिखाई देती हैं. सरस्वती का मिलन लुप्त रूप से होता है. किले के नीचे से जहाँ धारायें बहती हैं, कहते हैं वहीं गुलाबी रंग की सरस्वती की धारा को देखा जा सकता है.
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