Thursday, November 5, 2015

दीवाली

तोरण सजे
देहरी सजी
सजी दीवाली
घर-आँगन
छाया उजाला
घुली मिठास
बतासे सी
मन में छूटें
फुलझड़ियाँ
खिले अनार
खुशियों के।
------------
-----

     डॉ0 मंंजूश्री गर्ग

No comments:

Post a Comment