Wednesday, November 25, 2015

ऊषा वैसे पौ फटने को कहते हैं किंतु वेदों में इसका अभिप्राय है वह देवी जो मनुष्य के दिमाग के अँधेरे में दैवी प्रकाश लाती है। इसी प्रकार अग्नि शब्द का अर्थ है आग। वेदों में इसका तात्पर्य केवल भस्म करने और शुद्ध करने वाली अग्नि से नहीं उस ऊर्जा और उस संकल्प शक्ति से भी है जो मनुष्य को सत्य की ओर ले जाती है।

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