ऊषा वैसे पौ फटने को कहते हैं किंतु वेदों में इसका अभिप्राय है वह देवी जो मनुष्य के दिमाग के अँधेरे में दैवी प्रकाश लाती है। इसी प्रकार अग्नि शब्द का अर्थ है आग। वेदों में इसका तात्पर्य केवल भस्म करने और शुद्ध करने वाली अग्नि से नहीं उस ऊर्जा और उस संकल्प शक्ति से भी है जो मनुष्य को सत्य की ओर ले जाती है।
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