हिन्दी साहित्य
Sunday, November 1, 2015
इंसानियत की धरा में
प्यार के बीज बो दो।
आज नहीं तो कल
मानवता के फूल खिलेंगे।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
2 comments:
krishnasgrace
September 21, 2018 at 5:15 PM
बहुत खूब kahsकहा है
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मंजूश्री गर्ग
September 23, 2018 at 8:42 PM
धन्यवाद!
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बहुत खूब kahsकहा है
ReplyDeleteधन्यवाद!
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