सोलर इंपल्स-2(Solar
Impules-2)
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
26 जुलाई, 2016 ई0 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखने का दिन
है, जब सूर्य ऊर्जा से चलने वाले हवाई जहाज सोलर इम्पल्स-2 ने 16 महीने और 18 दिन
में केवल 17 स्थानों पर विश्राम लेकर विश्व का गोल चक्कर पूरा किया.
प्रोजेक्ट चेयरमैन और पायलट बर्ट्रेंड पिकार्ड और प्रोजेक्ट सहयोगी एंड्रे
वॉशबर्ड दोनों ने मिलकर अपनी टीम के सहयोग से सोलर इम्पल्स-2 द्वारा विश्व का गोल
चक्कर(round- the- world) लगाने के स्वप्न को साकार किया. विमान ने 9 मार्च, 2015 ई0 को अबु धाबी से
अपनी यात्रा आरम्भ कर पूर्वी देशों में ओमान, भारत, म्यांमार, चीन, जापान होता हुआ
प्रशान्त महासागर को पार कर उत्तरी अमेरिका में होनालूलू, न्यूयार्क होता हुआ
अटलांटिक महासागर को पार कर स्पेन, ईजिप्ट होता हुआ 26 जुलाई, 2016 ई0 को पुनः
अबुधाबी पहुँचा.
सोलर इंपल्स-2 का वजन मात्र 2.3 टन( मात्र एक छोटी कार के बराबर) है, लेकिन
इसके विंगस् काफी बड़े हैं लगभग 72 मी0(236फुट)- एक जम्बो एअर बस
A 380 के विंगस् के
बराबर, जिनमें 17,000 सूर्य बैटरी लगी हैं. इसको चलाने में बहुत ही धैर्य की
आवश्यकता थी क्योंकि इसकी गति मात्र 80 कि0मी0 प्रति घंटा थी और रात के समय गति को
और भी कम करना होता था , जिससे ऊर्जा कम खर्च हो. खराब मौसम की वजह से कुछ देशों
में अधिक समय के लिये भी रूकना पड़ा. पायलट बर्ट्रेंड पिकार्ड और एंड्रे बॉशबर्ड
ने मिलकर अपनी 43,000 कि0मी0 की यात्रा में चार महाद्वीप, तीन समुद्र और दो
महासागर को पार किया. सबसे लंबी उड़ान थी नयोगा(जापान) से हवाई(Hawaii) 8,924 कि0मी0 की थी. जिसे
मि0 वॉशबर्ड ने निरंतर 118 घंटे में पूरी की.
पायलट बर्ट्रेंड पिकार्ड और एंड्रे वॉशबर्ड दोनों अपनी टीम के साथ हार्दिक
बधाई के पात्र हैं।
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