हिन्दी साहित्य
Saturday, July 9, 2016
बरसातें----------------------
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
जेठ बरसती धूप,
औ' सावन बरसते मेघ।
कवार बरसती चाँदनी,
औ' फागुन बरसते रंग।
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