Tuesday, July 5, 2016

फिर आया..............

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

फिर आया बरखा का मौसम
सिंदूरी शामों का मौसम   ।
अब भरता सड़कों पे पानी
फिर आया जामों का मौसम।

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