हिन्दी साहित्य
Wednesday, August 17, 2016
रक्षा-बन्धन की शुभकामनायें
बरसों बाद
मिले भाई-बहिन
राखी पर्व पे ।
रेशमी धागे
बँधे हैं सारी उम्र
स्नेह बन्धन ।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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