हिन्दी साहित्य
Tuesday, August 30, 2016
हाइकु
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
हौंसलों से ही
छूते हम आकाश
परों से नहीं ।
-------------------
-----------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment