पल भर को तुम मुस्कुराये,
छा गया बसंत जीवन में।
खिलने लगे फूल खुशी के,
महकने सी लगी हवायें,
बहकने लगे कदम मेरे।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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