हिन्दी साहित्य
Saturday, August 22, 2015
हाइकु
पर काट के
उड़ने को कहते
और क्या कहें!
तीर से चुभे
व्यंग्य तुम्हारे
जब भी मिले.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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