मुस्कुरा लेना--------
जब भी दर्पण देखो
मुस्कुरा लेना.
कुछ पल तो उदासी का
हो जायेगा कम.
कुछ पल खुद को सँवारना
कुछ पल घर को सँवारना.
देखते ही देखते शाम हो जायेगी
देखोगी मुझे बस सामने अपने.
डॉ. मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment