बचपन में------
बचपन में,
कली ही नहीं,
तोड़ लेते थे,
काँटे भी।
और बना लेते थे
तोते।
अब तो,
कली भी,
तोड़ने में,
होती है,
चुभन।
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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