Monday, April 28, 2025

 

जिंदगी जीनी नहीं सीखी।

 

किससे करें शिकवा,

खुद ही रहे नासमझ।

प्रीत की।

प्रीत की रीति नहीं सीखी।

जिंदगी जी।

जिंदगी जीनी नहीं सीखी।

            डॉ. मंजूश्री गर्ग


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