मेघ बन छा रहे गुलाल सखि री!
टेसू रंग बरस रहा आँगन सखि री!
सब भीग रहे होली के रंग में आज,
मैं भीग रही कान्हा के रंग सखि री!
डॉ. मंजूश्री गर्ग
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