Wednesday, March 26, 2025


तेरे पास पहुँचने की आशा में,

मैं निरंतर चलता जा रहा हूँ।

पर तू केंद्र में खड़ा मुस्कुरा रहा है,

और मैं परिधि के चक्कर लगा रहा हूँ।

                               गुलाब खंडेलवाल 

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