मतस्य अवतार की कथा
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
एक
बार प्रलय रात्रि के समय ब्रह्मा जी अचेतावस्था में सोये हुये थे. दिन होने पर
उन्हें जम्हाई आई. उस समय हयग्रीव नामक दैत्य उनके मुख से वेद निकाल कर पाताल लोक
में ले गया. यह देखकर ब्रह्मा जी ने नारायण जी से प्रार्थना की कि, “ हे महाराज! हयग्रीव दैत्य वेद चुराकर ले
गया है. मुझमें और देवताओं में उसे जीतने की सामर्थ्य नहीं है, इसलिये आप वेदों को लाने का कोई उपाय कीजिये.” तब भगवान मतस्य(मछली) का
रूप रखकर पाताल लोक से वेदों को लेकर आये.
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