8.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
द्वापर
युग में मथुरा नरेश कंस की बंदी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव के पुत्र के रूप में भगवान
श्री कृष्ण ने कारागार में जन्म लिया और नंद-यशोदा को गोकुल में अपनी बाल-चरित्र
की विविध लीलाओं से सम्मोहित किया. श्री कृष्ण ने वृंदावन में राधा और गोपियों के
साथ रास रचाये. श्री कृष्ण ने बचपन में कंस द्वारा भेजे गये राक्षसों का भाई
बलभद्र के साथ मिलकर वध किया. श्री कृष्ण ने कंस, काल-यवन एवं जरासंध जैसे पापी राक्षसों को मारकर पृथ्वी का भार दूर किया.श्री
कृष्ण ने रूक्मिणी, आदि
आठ पटरानियों से व सौलह हजार रानियों से विवाह किया और गुजरात में समुद्र में द्वारिकापुरी बसाई.
महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण ने कौरवों को अपनी सारी सेना दी और पांडवों की
तरफ स्वयं रहे. अर्जुन के सारथि बने. युद्ध प्रारंभ होने से पहले श्री कृष्ण ने गीता
का उपदेश दिया, जो आज भी अमृत वाणी के समान है.
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