हिन्दी साहित्य
Thursday, May 12, 2016
जीवन के दो ही रंग
कभी दिन, कभी रात ।
कभी धूप, कभी छाँव ।
कभी सुख, कभी दुःख ।
कभी जीत, कभी हार ।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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