9.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
कलियुग
के प्रारम्भ में ई0 पू0 583 में लुम्बिनी(नेपाल) में कपिलवस्तु के राजा(शाक्य)
शुद्धोधन के यहाँ भगवान बुद्ध ने जन्म लिया. बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था.
सोलह साल की उम्र में यशोधरा से विवाह किया, जिससे राहुल उत्पन्न हुये. उंतीस वर्ष की आयु में सत्य की खोज में राजमहल
की सब सुख-सुविधायें छोड़्कर घर को त्याग
दिया.
पैंतीस
वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध को गया में पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ, तभी से उन्हें ‘बुद्ध’
कहा जाने लगा और उस पीपल वृक्ष को ‘बौद्धि-वृक्ष’.
भगवान बुद्ध ने सत्य, अहिंसा का महत्व जन-जन
को समझाया और राक्षसों का मन यज्ञ करने से हटाया. ई0पू0 483 में भगवान बुद्ध ने
कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त किया.
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