Tuesday, September 3, 2019



शिल्पी हैं वह
पत्थर बने मूर्ति
हाथ आते ही।

1.

ख्वाबों के पक्षी
उड़े दूर तलक
जागे तो टूटे।

2.

                                        डॉ. मंजूश्री गर्ग


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